Sunday, November 1, 2009

तेरी याद....



आज फिर मेरी बंद आँखों में तेरा चेहरा आ गया..
भूल गया था जिस अतीत को, वो फिर सामने आ गया!
पल भर के लिए तो चैन पड़ा इस दिल को,
फिर वो लम्हा, सब खुशियों को ले के चला गया!!

दोस्त, आज भी तुझे मेरे नाम से जोड़ते हैं,
हम उनके साथ हँसते, पर तन्हाई में रोते हैं,
हर दिन, हर पल, हर समय ही याद तेरी आती हैं,
हम अतीत की गहराई में, खुद को तनहा पाते हैं!

रोज़, लोगो की भीड़ में, मैं तेरा चेहरा तलाशता हूँ,
हर एक आवाज़ में, अपना नाम तेरे सुरों में ढूँढ़ता हूँ,
लोग कहते हैं दीवाना, हमे हर एक शमा का,
मैं वो परवाना हूँ...जो शमा में नहीं....शमा की याद में जलता हूँ!!

1 comment:

  1. अतीत Past
    तन्हाई Loneliness
    गहराई Depth
    चेहरा Face
    शमा Candle
    परवाना mosquitos(who burn theselves near light)

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