Saturday, October 31, 2009

आपको अपने एहसास दिखाऊ कैसे????


अब तू ही बता मैं होश में आऊ कैसे?
लगे है जो भीतरी घाव, उन्हे सुखाऊ कैसे?

मस्जिद जाके सारे कर्जो की मांगी माफ़ी..
पर दिल जो दुखाया किसी का, उसे मनाऊ कैसे??

रात को लेटा, अपने सारे गम गिन के,
तेरे गम की सोच के, अब सोऊ कैसे??

ठोकर खा कर गिरे जो, वो धीरे-धीरे संभालते है..
तेरे इश्क में डूबे ज़मीर को,मैं उठाऊ कैसे

लोग तो कहते है, अब मैं सयाना हो गया...
पर जो बात उस लड़कपन में थी, उसे भुलाऊ कैसे???

1 comment:

  1. भीतरी घाव Inner wounds
    कर्जो Debts
    गम Sorrows
    ठोकर Stumble
    ज़मीर Soul
    सयाना Grown up
    लड़कपन Childishness

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