Sunday, December 18, 2011

वो मुलाक़ात



वो हम दोनों की जो मुलाक़ात थी,
वो .. बड़ी हसींन रात थी!

ना चाँद थे, ना जुगनू थे फलक पे,
पर तेरे साथ .. वो, मेरी चाँदनी रात थी!

ना कुछ तुम बोले, ना वो कभी हमने कही,
अनसुनी सी .. वो, बड़ी प्यारी बात थी!

ना कोई गम, ना कोई बोझ अब था,
तू.. मेरी ख़ुशी.. जो मेरे साथ थी!

बरसो तक था मैं जो रोया,
उसके बदले.. वो रात.. खुदा की सौगात थी!

टिमटिमाते तारों में, मेरा सितारा बुलंद था,
तेरा होना, मेरी बदनसीबी की एक बड़ी मात थी!

वो बड़ी खुबसूरत रात थी!

Saturday, December 10, 2011

मैं, मेरी तन्हाई और ....... तुम!



तुम्हे नज़र में बसाकर हम ... आँखें मूंदे रहते हैं,
बस तेरे तरन्नुम गाकर, तन्हाई को अपना साथी बना लेते हैं!

दीवारों पे लिखी बातें.. कभी कभी हौसला दे जाती हैं,
वरना तेरी आँखों में हम ज़िन्दगी देखा करते हैं!

बुजुर्गो का कहा.. सुना हैं बहुत.. पढा है बहुत,
पर सवाल तेरा आते ही, हम कहाँ... वो माना करते हैं!

भूली-बिसरी यादों से.. तुझे जेहन में ज़िंदा रखा हैं,
लोहे की यादो पे, कहाँ वक्त की जंग असर करती हैं!

मशहूर हुए जीवन.. ऐसे ही दर-ब-दर की ठोकर से,
फिर भी आप ही के नाम से .. हर सुबह का आगाज़ करते हैं!

कहने को गम-ए-ज़िन्दगी.. हर मोड़ पे इम्तिहान लेती हैं,
हम हर एक सवाल का जवाब.. तेरी ख़ुशी से देते हैं!

Monday, December 5, 2011

मेरे कुछ शौक


तेरी खुशियों में शामिल ना होने का गिला नहीं मझे,
तेरे गम की हंसी कम करने का शौक है मुझे!

वो तेरी हया, वो तेरी जफा... हर एक अदा मुझे याद हैं,
मांझी को तेरे, यादों से अपनी.. रंज कराने का शौक है मुझे!

सबका कहा सुना मैने, करता रहा खुदी की मैं,
कहने वालो को जलाना, ऐसा ही कुछ शौक है मुझे!

मिल गया अगर कोई.. ले मोती आगे बढ गया,
आँखों से ये सबकी चुराना, ये भी एक शौक है मुझे!

मौत भी आ जाए.. तो कह दू, तसव्वुर में हूँ तेरे,
उस को भी हर पल तडपाने का. ये अनोखा शौक है मुझे!

तेरा नशा ऐसा है जिस पर, बाकी सब बेकार,
मयखानों में पीते जाने का, बेमतलब सा शौक है मुझे!

अँधेरी राहो के कोनो पे.. हर दम, एक इंतज़ार में रहता हूँ,
आते जाते को दिया दिखाना.. एक मासूम सा शौक है मुझे!