Friday, December 13, 2013

अभिप्राय





वो लोगो की जलन से जल-जल कर मरी,
वो, जो जलने के कारण जल चाह रही थी!

उज्जवल कल की चाह में उसने अपने कल को ही ख़तम कर लिया,
वो, जो अपने कल की कहानी आने वाले कल को सुनाना चाहता था!

चाल तो उसकी कोई समझ ना सका,
वो, जिसके कदमो की चाल पे सबकी निगाहें रहती थी!



Sunday, December 1, 2013

वादा करो... कि तुम दोगी मेरा साथ!




मेरे जीने के मकसद यूँ तो कई सारे है,
वादा करो कि तुम उन सब में सबसे पहला बन जाओगी!

मैं यहाँ से दूर ... कही दूर जाना चाहता हूँ,
वादा करो कि तुम मुझे वापिस ले आओगी!

तुम्हारी वो बाते जो हमेशा मुझे चिढ़ाती रहती है,
वादा करो कि तुम हमेशा मुझे यूँ ही सताती रहोगी!

कहते है इश्क़ आदम के जज्बातो का आइना होते है,
कोशिश करना, तुम मुझ में .. मुझ को.. मुझ सा... ज़िंदा रख पाओगी!

मैंने चाहा है तुमको, अपनाया है तुमको, अपने होने से ले... खुद के ना होने तक,
वादा करो तुम मेरी बन जाओगी .. पर खुद को मुझ सा नहीं बनाओगी!