Wednesday, November 30, 2016

अजब ग़ज़ब



वो जो मेरे साथ है, वो मेरा चेहरा पढ़ लेता है..
उसी ने बनाया मुझे, वही अक्सर मुझे तोड़ देता हैं!

किस्मत को सूना हैं उसने हाथो की लकीरो में बसा रखा हैं,
तो क्यों किसी के माथे की सिलवटे मेरा दर्द बयाँ करती हैं!

देखा तो नहीं, कभी तुझे लड़ते हुए, हिस्सो का बटवारां करते हुए,
पर तूने ही तो कुरुक्षेत्र में पांडवो को उनका हक़ दिलवाया था!