Sunday, August 26, 2012

करनी... भरनी !




हर गुनाह की एक सज़ा मुक़र्रर होती हैं,
हर किसी को इसी दुनिया में .....वो ....सज़ा मिलती हैं!

कितना ही कोई भाग ले नसीब से... ज़िन्दगी से,
खुद के ज़मीर की नसीहत सबको मिलती हैं!

अच्छे-बुरे सभी कर्मो का.. लेखा यहीं निकलता हैं,
बदी को आंसू .. और नेकी को शोहरत.. यही मिलती हैं!

कोई कितना भी हो जाए.. आदी इस जान का,
ये ज़िन्दगी, अंत में .. आगाह किये बिना.. सज़ा दे जाती हैं!

जहां-पनाह, आलम-ए-आलम देखे.. फकीरों की फटी चादर भी देखी ,
पर जाना कि.. सूरज की रोशनी और चाँद की चांदनी.... सबको बराबर मिलती हैं!

आसरा बारिश ने दिया.. तो कहीं आतिश ने भी सहारा दिया,
खुदा कि खुदाई में.. बन्दों को हर ज़र्रे में बशर मिलती हैं!

"अज़ल" से डरो नहीं, ये एक अजब सी खामोशी हैं,
सबसे बड़ी सुकून-ए-ज़िन्दगी.... उसी की बदौलत मिलती हैं!

Wednesday, August 15, 2012

संग्राम






राहें सुनसान हैं,
लोग अनजान हैं.
मगर , चल रहा हैं सफ़र
कभी तो मंजिल मिलेगी !

थक रहे हैं कदम
ना बचा कोई हमदम
रात हो गयी स्याह और,
कभी तो रौशनी मिलेगी !

वक़्त ने भी कहा,
कुदरत का कहा ....भी नहीं सुना,
करता रहा जो मन करा
कभी तो मेरी जीत होगी!

पानी फिर चढने लगा
धैर्य मेरा टूटने लगा
फिर से थोड़ी और हिम्मत करूं,
शायद तभी पूरी ताबीर होगी!

रोज़ लड़ रहा हूँ मैं,
थोड़ा और कट रहा हूँ मैं ,
देख मेरा बहता लहू और टपकता पसीना ,
शायद मेरी परेशानियाँ भी ... घबरा जाती होगी!

Sunday, August 5, 2012

तसव्वुर-ए-सनम






कुछ भी कर लूँ, तुझे भुला नहीं पाता,
यूँ भी मैं अपनी ही लकीरों से , जीत नहीं पाता !

हर एक शब् , तेरे ही तसव्वुर में जिया करता हूँ ,
मैं चाह कर भी , तेरी चाहत को रोक नहीं पाता !

दर्द उठता हैं , टीस भी हरदम रहती हैं ,
मैं इस दर्द के सिवा .. कुछ पास रख नहीं पाता !

डर लगता हैं कहीं राह में हम टकरा ना जाए ,
मैं इस दिल पे यूँ भी एहतियात नहीं रख पाता !

सलाह मशविरा तो हर ख़ास -ओ -आम ने दे डाला ,
तेरे तसव्वुर में फिर , मैं कुछ और सोच ही नहीं पाता !

दुआओ में हसरत खुद के वजूद की नहीं ... तेरी सलामती की हैं ,
अपने लिए तो मैं आज भी हाथ उठा नहीं पाता !