Tuesday, March 22, 2011

वो एक आशिक हैं!





वो अपने आंसू दुनिया से छुपाकर हंसता हैं!
तो क्या..अगर वो उनकी यादों में किसी लम्हा रोता हैं!
बस यार की खुशनुमा आवाज़ और चहकती हंसी की यादों ने......
बस यार की खुशनुमा आवाज़ और चहकती हंसी की यादों ने
उसे एक ही पल में हंसना और रोना...दोनों सिखा दिया!!


इश्क सिर्फ एक नाम नहीं..एक आवाज़!.... एक साज़!....एक तरन्नुम हैं!
जान जाए इसे हर माकूल, नहीं ये इतनी सीधी धुन हैं!
जब अश्क बहाने में, इस दिल को सुकून मिलता हैं..........
जब अश्क बहाने में, इस दिल को सुकून मिलता हैं..........
ना पूछो, कि इंतज़ार-ए-यार में वो कितना सुकून पाता हैं!

वो अपने --------------------------------छुपाकर हंसता हैं,


आशिक कोई हस्ती नहीं कि आज फलक पे, कल ज़मीन पे होगा!
वो कोई खुदा भी नहीं जो हमेशा फलक पे राज़ करेगा!
वो एक ऐसी खुश-नसीब और बद-गुमान शख्शियत हैं यारों......
वो एक ऐसी खुश-नसीब और बद-गुमान शख्शियत हैं यारों......
वो यार की सूरत में अपनी तकदीर की रेखाएं ढूँढ़ता है

वो अपने --------------------------------छुपाकर हंसता हैं,

यार कोई ऐसी लत में ना पड़ जाए,
हो जहां जीना मुश्किल, वहा कोई आशियाने ना बनाये,
वो है उनका दिल.... जो उन्हे उस मोड़ पे.... दरख़्त सा खड़ा रखता है,
वरना कौन है वो सयाना, जो तूफानो में कश्ती चलाता हैं?

वो अपने --------------------------------छुपाकर हंसता हैं,

Monday, March 7, 2011

एक रात - आपकी यादों के साथ



आज फिर रात को हम इक इंतज़ार में जग गए,
अपने सारे ख्वाबो को आपकी यादो की नज़र कर गए..
जिन कश्तियों से थी, साहिल पे पहुचने की उम्मीद,
उन कश्तियों को छोड़, हम इश्क के दरिया में कूद गए

नहीं जानते वो कि क्या कसक-ए-मोहब्बत होती हैं,
सही भी ना जाए, वो उल्फत क्या होती हैं......
जो ना जान पाओ, तो वापिस चले आना,
हम ही बता देंगे कि क्या-क्या नसीहत-ए-इश्क होती हैं!!

उनकी आँखों में हम सारा जहां मुकम्मल देखते हैं,
वो न भी हो, तो हम यादो के साथ रहगुज़र कर लेते हैं..
मेरे हर अफसाने से, इस तरह जुड़ गयी हैं उनकी यादें,
अब अपने अक्स में भी हम उनका ही चेहरा देखते हैं!