Saturday, May 25, 2013

अरदास




या खुदा मेरी ये एक इल्तजा सुन ले,
मुझे कुछ कहने बस इक मौक़ा दे दे!

मुझे मेरे यार की खातिर, बस एक बार या मौला ...
उसकी आँखों में बस इक बार खडा कर दे!

इस जहान से में एक आखिरी बात कहना चाहता हूँ,
तू, ज़रा उनकी पल भर की मसरूफियत कम कर दे!

दरकार मुझे भी थी, कुछ कर गुजरने की,
जीते जी ना कुछ कर सका, कम से कम अब ही इनायत कर दे!

आँखों में इंतज़ार और होठों पे एक फ़रियाद हर समय हैं,
खुदा-या .. मौत से पहले तो कम से कम, मुझे "मैं" कर दे!

Saturday, May 11, 2013

ज़िन्दगी का सफ़र!






छोड़ के एक दिन यूं ही ये पलट के अलविदा कह जायेगी,
जब तक साथ है... तब तक ये .. ज़िन्दगी.. मेरी जान लेती रहती हैं!

कभी नफरतो का साया तो कभी मुहब्बत-ए-सरफ़राज़ साथ थी,
कभी बेख़ौफ़ हंसी में .. तो कभी बरसते आँसुओ में, ज़िन्दगी साथ रहती हैं!

सोचने की ज़लालत मिली तो कभी हंसने की इजाज़त भी,
हर मोड़ पे ज़िन्दगी, एक नया इम्तिहान लेती रहती हैं!

कभी इम्तिहान.. तो कभी लड़ाई, कभी महफिले तो कभी तन्हाई,
हो चाहे कैसा भी मजमा-ए-दुनिया, ज़िन्दगी हमेशा आबाद रहती हैं!

मेरे ज़ख्मों को कुरेदा, कुरेद कर चोटों को नासूर कर दिया,
ज़िन्दगी... मेरी दिल्लगी को ..... दिल की लगी कहती हैं!

सोचता हूँ आँखें मूंदकर... कल बिछड़ जायेंगे, तो क्या होगा,
आज तो ये मेरी खुदगर्जी हैं, देखे कल दुनिया क्या कहती हैं!

मुझे रुला कर ये खुद को आबाद कहती हैं,
मेरे बिन... ये ज़िन्दगी भी... थोड़ी मायूस सी रहती हैं!