Saturday, May 25, 2013

अरदास




या खुदा मेरी ये एक इल्तजा सुन ले,
मुझे कुछ कहने बस इक मौक़ा दे दे!

मुझे मेरे यार की खातिर, बस एक बार या मौला ...
उसकी आँखों में बस इक बार खडा कर दे!

इस जहान से में एक आखिरी बात कहना चाहता हूँ,
तू, ज़रा उनकी पल भर की मसरूफियत कम कर दे!

दरकार मुझे भी थी, कुछ कर गुजरने की,
जीते जी ना कुछ कर सका, कम से कम अब ही इनायत कर दे!

आँखों में इंतज़ार और होठों पे एक फ़रियाद हर समय हैं,
खुदा-या .. मौत से पहले तो कम से कम, मुझे "मैं" कर दे!

1 comment:

  1. इल्तजा - Request
    मौला - God
    जहान - World
    आखिरी - Last
    दरकार - Needed
    इनायत - Kindness
    फ़रियाद - Request

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