Saturday, May 11, 2013

ज़िन्दगी का सफ़र!






छोड़ के एक दिन यूं ही ये पलट के अलविदा कह जायेगी,
जब तक साथ है... तब तक ये .. ज़िन्दगी.. मेरी जान लेती रहती हैं!

कभी नफरतो का साया तो कभी मुहब्बत-ए-सरफ़राज़ साथ थी,
कभी बेख़ौफ़ हंसी में .. तो कभी बरसते आँसुओ में, ज़िन्दगी साथ रहती हैं!

सोचने की ज़लालत मिली तो कभी हंसने की इजाज़त भी,
हर मोड़ पे ज़िन्दगी, एक नया इम्तिहान लेती रहती हैं!

कभी इम्तिहान.. तो कभी लड़ाई, कभी महफिले तो कभी तन्हाई,
हो चाहे कैसा भी मजमा-ए-दुनिया, ज़िन्दगी हमेशा आबाद रहती हैं!

मेरे ज़ख्मों को कुरेदा, कुरेद कर चोटों को नासूर कर दिया,
ज़िन्दगी... मेरी दिल्लगी को ..... दिल की लगी कहती हैं!

सोचता हूँ आँखें मूंदकर... कल बिछड़ जायेंगे, तो क्या होगा,
आज तो ये मेरी खुदगर्जी हैं, देखे कल दुनिया क्या कहती हैं!

मुझे रुला कर ये खुद को आबाद कहती हैं,
मेरे बिन... ये ज़िन्दगी भी... थोड़ी मायूस सी रहती हैं!

1 comment:

  1. अलविदा - Good Bye
    ज़िन्दगी - Life
    मुहब्बत-ए-सरफ़राज़ - Love of someone respcted
    इम्तिहान - Exam
    मजमा - Street Play
    ज़ख्मों - Wounds
    आबाद - Settled

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