Saturday, December 10, 2011

मैं, मेरी तन्हाई और ....... तुम!



तुम्हे नज़र में बसाकर हम ... आँखें मूंदे रहते हैं,
बस तेरे तरन्नुम गाकर, तन्हाई को अपना साथी बना लेते हैं!

दीवारों पे लिखी बातें.. कभी कभी हौसला दे जाती हैं,
वरना तेरी आँखों में हम ज़िन्दगी देखा करते हैं!

बुजुर्गो का कहा.. सुना हैं बहुत.. पढा है बहुत,
पर सवाल तेरा आते ही, हम कहाँ... वो माना करते हैं!

भूली-बिसरी यादों से.. तुझे जेहन में ज़िंदा रखा हैं,
लोहे की यादो पे, कहाँ वक्त की जंग असर करती हैं!

मशहूर हुए जीवन.. ऐसे ही दर-ब-दर की ठोकर से,
फिर भी आप ही के नाम से .. हर सुबह का आगाज़ करते हैं!

कहने को गम-ए-ज़िन्दगी.. हर मोड़ पे इम्तिहान लेती हैं,
हम हर एक सवाल का जवाब.. तेरी ख़ुशी से देते हैं!

1 comment:

  1. मूंदे Close
    तरन्नुम Song
    हौसला Courage
    बुजुर्गो Elders
    ठोकर Stumble
    आगाज़ Start
    इम्तिहान Test

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