Sunday, October 25, 2009

उसकी अदाए


थी आज गूंजी, एक हंसी मेरे कानो में,
थी एक हसीं अदा, उस नाजनीन की बातो में,
था मैं उसकी हर एक अदा का ऐसा दीवाना,
खुद के गिरने के दर्द से ज्यादा मज़ा पाता था...उसके हंस जाने में।

ना कोई कमी थी, कभी उसकी हंसी में,
था ये सबूत...कि रहती थी वो सदा ख़ुशी में,
थी उसकी बातें, उसकी हंसी, उसकी आँखें..... सदा ही चहकती,
थी उसने बिखेरी, सदा खुशिया ही हर दिशा में।

हैं देखे हज़ारो, ना देखी कोई उस सी,
वो चलती हैं ऐसे, चली जा रही हो दामिनी,
है नशा उसकी बातों में, हज़ारो मयकदो का,
है मासूमियत उसकी ऐसी, जैसे किसी नवजात शिशु की।

जब हैं वो कुछ कहती, मैं उसके लबो को हूँ तकता,
हैं वो एक कमल से, करता हूँ, मैं उनका सदका.
हैं इक-इक अदा उनकी...इतनी हसीं और प्यारी,
डर लगता हैं रब ही ना चुरा ले हमसे ये खुशियाँ हमारी.

1 comment:

  1. नाजनीन Stylish lady
    दामिनी Lightening
    मयकदो Pegs
    नवजात शिशु New born baby
    तकता Stare

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