Friday, June 29, 2012

कभी आप भी मुझे ऐसे मिलें!






एक इल्तजा थी कि ए खुदा मुझे सुकून मिले,
उस ख्वाहिश के बदले ही मुझे आपके पहले दीदार मिले!

उम्मीद का दामन थामे.. मेरी तरसती उम्मीदें,
रब्बा .. शायद अगले मोड़ पर मुझे नया मेरा रब मिले!

काश ऐसा हो कि हर रोज़ जब मेरी आँख खुले,
मेरा साया.. मेरा हमदम ... मुझे मेरे पास मिले!

चिराग में बंद किसी जिन्नाद सी मेरी खुशियाँ,
दुआ है खुदा से .. बस तेरी मोहब्बत की मुझे तपिश मिले!

मकतब-ए-दुनिया में वैसे तो मैने कुछ नहीं जाना,
मुझे तो सभी रोशन रंग.. बस तेरी उस एक झलक में मिले!

तेरे नखरे, तेरी सादगी... कही ले ले ना जान मेरी,
खुदा-या अगर मिले .. तो मुझे मौत भी उसी की पनाहों में मिले!

1 comment:

  1. इल्तजा - Request
    ख्वाहिश - Wish
    दीदार - Glimpse
    चिराग - Lamp
    जिन्नाद - Genie - Person With Magical Powers
    तपिश - Warmth
    मकतब - School

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