Friday, July 8, 2011

अल्लाह ..... भगवान...... Jesus




ए मुझे बताने वाले, आज मैं तुझे समझाता हूँ,
रोज़ तूने इलज़ाम गिनवाए.. आज मैं .. तुझे उसके एहसान गिनवाता हूँ!

कीमती कार, लाजवाब इमारत, की तरह, ये प्यार उसका तोहफा हैं,
हैं कितना दिलदार ... मेरा पर्वत-ए-गार, आज मैं बतलाता हूँ!

सदको में जो है झुका, उस ने ये गुर पाया हैं,
किसने है पाया क्या क्या.. उससे ..... मैं तुझे बतलाता हूँ!

तूने बस ज़ख्म देखे, ज़ख्मो के चंद आंसू देखे,
आ देख, मैं तुझे आइना-ए-ज़िन्दगी में उसके नूर-ए-नज़र दिखाता हूँ!

सुनना पडे... तो मेरी आह नहीं, उसकी मिन्नतो को सुनना,
उसकी मन्नतो में मैं, अपना कलमा तुझे सुनाता हूँ!

हंस ले तू ए नादान.. वो भी तेरे संग हंसता हैं,
तेरी हंसी के लिए, उसने जो अश्क बहाए... उनको मैं दिखलाता हूँ!

रोते-रोते तो कभी तुझी से लड़ के... तूने अपने गम को भागते देखा..
हैं उसका ही ये तिलिस्म.. आ .. तुझको मैं सब समझाता हूँ!

1 comment:

  1. इलज़ाम Charges
    कीमती Precious
    लाजवाब Exceptional
    इमारत Building
    तोहफा Gift
    सदको Prayers
    ज़ख्म Wound
    मिन्नतो Request to god
    अश्क Tear
    तिलिस्म Things which you can't explain

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