Sunday, June 19, 2011

कैसे हैं आप ?




उनसे बिछड के हम रोते हैं,
किसको पता.. वो.. कैसे जीते होंगे!

सबके आगे तो वो हमेशा ही हँसते दिखेंगे,
मेरा नाम ले के देखना ... किसी कोने में खडे मिलेंगे!

अपने इश्क का स्वाद.. कुछ खट्टा.कुछ मीठा.. हम रोज़ चखते हैं,
वो भी कभी-कभी, अपने गालो पे नमक चखते होंगे!

खानाबदोश से हम.... कभी इस डगर, कभी उस डगर,
वो भी कभी-कभी अपने तलो में, दर्द की शिकायत करते होंगे!

महफ़िलो में कहाँ बशर, भीड़ से तन्हाई ज्यादा रास आती हैं,
उनसे पूछो, उनकी शामो में भी दो ही रंग होते होंगे!

आइनो, तस्वीरो, यादो के सहारे .... हम हो लिए,
वो भी दिन भर रास्तो पे निगाह बिछाते होंगे!

उनसे मैं अब क्या मांगू, क्या मैं कहूँ उन से...
वो तो अब खुद, खुदा की परस्तिश में लगे होंगे!

2 comments:

  1. बिछड Depart
    कोने Corner
    खट्टा Sour
    मीठा Sweet
    खानाबदोश Wanderer
    महफ़िलो Parties
    तन्हाई Loneliness
    आइनो Mirrors
    परस्तिश Worship

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