जो देखा, वो लिखा...... यूँ ही अपना सफ़र चलता रहा!
सीखा जो सिखाया... मैं यूँ ही बस चलता रहा!
करने को तो, मैं भी रहगुज़र कर सकता था किसी एक कोने में,
पर मेरा सफ़र........
हर मोड़ पर, मुझे हर बार एक नया एहसास सिखाता रहा!
Thursday, September 12, 2013
ध्यान रखना..
मेरी मानो, घर के चिरागों में दो चीज़े ज़रूर रखना,
अच्छी सोहबत और अच्छी आदत, तुम भी हमेशा अपने साथ रखना!
मेरी मानो, कभी कभी खुद को भी अपना समय दे के देखो,
वो जो तुम्हारा है, उसे सदा अपने पास रखना!
हमने देखा लोगो को गिरते हुए, उठते हुए, हर कदम दो कदम पे,
सीखा बस इतना ही की.. हर किसी का साथ देते हुए चलना!
दुनिया बहुत मतलबी है, कोई किसी को याद नहीं रखता,
तुम किसी को खुद को भूलने का बस मौका मत देना!
ज़िन्दगी बहुत छोटी है और उम्र और भी कम,
तुम हर मोड़ पे, एक नयी दास्ताँ बनाते हुए चलना!
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
चिरागों - Lamps
ReplyDeleteसोहबत - Company
आदत - Habit
मतलबी - Mean
दास्ताँ - Stroy