जो देखा, वो लिखा...... यूँ ही अपना सफ़र चलता रहा!
सीखा जो सिखाया... मैं यूँ ही बस चलता रहा!
करने को तो, मैं भी रहगुज़र कर सकता था किसी एक कोने में,
पर मेरा सफ़र........
हर मोड़ पर, मुझे हर बार एक नया एहसास सिखाता रहा!
Monday, September 30, 2013
फिर एक बार .....
आज एक और शुरुआत की है, तेरे जाने के बाद,
आज फिर एक नयी याद बुनी है, तेरे जाने के बाद!
रोज़ सुनते रहे अपने दिल की कही, पर समझ ना सके,
आज फिर उन पे गौर करने की ठानी है, तेरी यादो के साथ!
आज फिर सोचा है, चलो ज़रा दिल को बहला लिए जाए,
फिर आँखें बंद कर के तेरा दीदार पा लेंगे, फिर उन यादो के साथ!
बड़ी सी इस दुनिया में, मेरा ये छोटा सा अफ़साना,
ये भी निखर जाएगा, नाम तेरा इस में जुड़ जाने के बाद!
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शुरुआत - Start
ReplyDeleteबुनी - To Weive
ठानी - Decided
अफ़साना - Story
निखर - Brighten