जो देखा, वो लिखा...... यूँ ही अपना सफ़र चलता रहा!
सीखा जो सिखाया... मैं यूँ ही बस चलता रहा!
करने को तो, मैं भी रहगुज़र कर सकता था किसी एक कोने में,
पर मेरा सफ़र........
हर मोड़ पर, मुझे हर बार एक नया एहसास सिखाता रहा!
Tuesday, October 23, 2012
वो रात.... वो जज़्बात
ये उस रात की बात है, जब हम आस-पास थे,
हलकी सी बारिश हो रही थी... और दिल में बरसते जज़्बात थे!
यूं तो हम चुप थे.. और वो भी खामोश थे,
पर नज़र कह रही थी... ये नहीं कोई आम रात हैं!
जज़्बात - Emotions
ReplyDeleteखामोश - Silent
आम - Ordinary