Wednesday, July 18, 2012

आज भी......हम!!






आज उनके देखे से एक गुमान हो गया ,
शायद ये दिल किसी और की अमानत में हैं !

कहने को आज भी हम किस्सों कहानियों में होते है ,
लेकिन दिल से हम आज भी आप ही के ख्यालों में हैं!

देखा है गुल को , हवा को ... मदहोश करते हुए,
इल्म है हमें ..... ये खुदाई भी, आप ही के एहसान से ही हैं!

मोड़ कई गुज़रे , पर इस मोड़ से हम कैसे गुज़रे ?
डर उनकी ना से ज्यादा ..... उनके हाँ कह देने से हैं!

कैसे कहे हम जो कहना चाहते है आपसे,
हर लफ्ज़ की कश-म-कश का अंत , तेरे इकरार से ही हैं!

1 comment:

  1. गुमान - Confusion
    गुल - Flower
    खुदाई - God's will
    एहसान - Favour
    कशमकश - Confusion

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