जो देखा, वो लिखा...... यूँ ही अपना सफ़र चलता रहा!
सीखा जो सिखाया... मैं यूँ ही बस चलता रहा!
करने को तो, मैं भी रहगुज़र कर सकता था किसी एक कोने में,
पर मेरा सफ़र........
हर मोड़ पर, मुझे हर बार एक नया एहसास सिखाता रहा!
Monday, January 16, 2012
एक कहानी......!!
लम्हे बूँदों से टपकते,
ज़मीन पर जाकर एक-दुसरे से जुड़ते,
कुछ मेरे आंसू.. कुछ तेरे आंसू,
जुड़ के .. मिल के .. एक ज़िन्दगी बनाते!
लफ्जों में कैद होते अलफ़ाज़,
कभी कभी चेहरे पे तैरते कुछ एहसास,
कभी होंठो से .. तो कभी आँखों में छलकते,
आ के सामने.. एक नयी कहानी बनाते!
कभी पसीने में बहता लहू,
कभी रंग बदल के .. बहता बन के आंसू,
एक ही वजूद के अनेक रंग समेटे,
मिल के ये कतरे, एक जिंदगानी बनाते!
कभी तुम बिछड़े, कभी खो गए हम,
कुछ तेरी खुशिया... कुछ मेरे गम,
वो तेरे साथ बिताये, पलो को समेटे,
वो किस्से , मेरे अफ़साने बनाते!
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खूबसूरती से लिखे एहसास
ReplyDeleteलम्हे Moments
ReplyDeleteबूँदों Drops
आंसू Tears
लफ्जों Spoken Words
अलफ़ाज़ Words
एहसास Feelings
पसीने Sweat
लहू Blood
वजूद Personality
कतरे Parts
जिंदगानी Life
Beautiful lines Mr. Poet !
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