Saturday, May 7, 2011

दोस्त...हमसे रूठ के कैसे रह पाओगे!!




जो इस तरह तुम हमसे रूठ जाओगे,
मेरी छोड़ो, तुम खुद कैसे तनहा रह पाओगे!

मानता हूँ कभी किसी समय, हम अजनबी थे,
क्या गुजरा वक़्त इतनी आसानी से भुला पाओगे!

हमारी दोस्ती का उसूल हैं.."हर हालात, हर पल का साथ"
तुम सिक्के के चित को पट से कैसे जुदा कर पाओगे!

सवाल हैं दुनिया के, कब तक अकेले जूझोगे इनसे,
बिन आजमाए मेरे दोस्त, मेरी दोस्ती पे इलज़ाम कैसे लगा पाओगे!

रहोगे अलग...तो खुद को खुद से कैसे बचाओगे,
कांटे हटाकर फूल को महफूज़ कैसे रख पाओगे!

ममता नहीं, वफ़ा नहीं, ये दोस्ती का दामन है दोस्त,
इसे भी छुडा लिया, तो दुनिया से कैसे लड़ पाओगे!

1 comment:

  1. रूठ Angry
    तनहा Lonely
    अजनबी Stranger
    उसूल Rule
    चित Head side of the coin
    पट Tail side of the coin
    जूझोगे Fight
    इलज़ाम Blame
    ममता Motherhood
    वफ़ा Love

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