Saturday, June 19, 2010

मेरी नादान कोशिश ...!!



हमने सुबकती आँखों को इस कागज़ पर,
उकेरने की नाकाम कोशिश की हैं.
हमने कांपते होठो की मद्धम आवाज़ को,
यहाँ एक गूँज बनाने की कोशिश की हैं....

बिन पीये हमे दीवानगी दिखी..
और हम थोड़ा सा बहक गए,
हमने उस खुमारी को ..बिन घुंघुरू के,
इस चक्कते पे नचाने की कोशिश की हैं!

मुश्ताक-ऐ-दीद थे उन दिनों हम,
नतीजा-ऐ-इश्क से अनजान थे,
हमने उन बेताब पलो की चोटो को
नासूर बनाने की पुरजोर कोशिश की हैं

निजात पा सके इस दौर से,
कभी ऐसा तसव्वुर ना रखा हमने,
हमने हर आते-जाते झोंके में,
उनकी छुअन महसूस करने की,ता-उम्र, कोशिश की हैं!

दिल में छुपे इस इश्क का,
हम कोई परचम नहीं चाहते..
आप चाहे जहां रहे..बस खुश रहे..
हर अता में.. हमने यही गुजारिश की हैं!

1 comment:

  1. सुबकती - Teary
    उकेरने - To carve
    मद्धम आवाज़ - very little voice
    खुमारी - madness
    चक्कते - cicular wheel used by potmakers
    मुश्ताक-ऐ-दीद - eager to watch
    नतीजा-ऐ-इश्क - result of love
    नासूर - very old unhealed cut
    निजात - To free
    तसव्वुर - Thought
    ता-उम्र - Whole life
    परचम - Flag of victory
    अता - Prayer

    गुजारिश - Request

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