बदलाव .... जो आप लाये
मुझे आज एक मुकम्मल शाम मिल गयी,
मेरी मसरूफ ज़िन्दगी में कुछ हसीं पल भर गयी,
थी शायद आज ये ज़िन्दगी भी मुझ पे कुछ मेहरबान....
मेरी तन्हाई में ये तेरी मुस्कराहट भर गयी!!
चाहत .... जो आप लाये
जानने में तुझे ये ज़िन्दगी बिताना चाहता हूँ,
बस एक बार, मैं खुद को आजमाना चाहता हूँ,
मुझे नहीं पता, हैं ये तेरी कशिश या दीवानगी मेरी,
मैं बस अपनी पहचान, तेरे नाम से बनाना चाहता हूँ!
"...
ReplyDeleteबस एक बार, मैं खुद को आजमाना चाहता हूँ,
मुझे नहीं पता, हैं ये तेरी कशिश या दीवानगी मेरी,
मैं बस अपनी पहचान, तेरे नाम से बनाना चाहता हूँ!"
बहुत खूब
मूक-अम-मल - Completeness
ReplyDeleteमसरूफ - Busy
कशिश - Attraction