आये फिर मेरी महफ़िल में सयाने लोग,
कुछ कहने और कुछ समझाने आये लोग...
कुछ कहने और कुछ समझाने आये लोग...
मैं करता हूँ बस "उनकी" प्यारी बातें,
आये हैं उनका रस लेने ...सारे लोग॥
आये हैं उनका रस लेने ...सारे लोग॥
अनजानी सी बातें कर के, मेरा दिल दुखाते वो,
फिर दिलासा देकर, चोट हरी करने वाले लोग
फिर दिलासा देकर, चोट हरी करने वाले लोग
उनसे पुछू, क्या हैं इश्क का मतलब,
बगले झाँकते, मुंह ताकते..अनजाने लोग॥
बगले झाँकते, मुंह ताकते..अनजाने लोग॥
धुँआ और राख मेरी बर्बादी का देख कर...
आये दबी हुयी आग को धधकाने लोग....
आये दबी हुयी आग को धधकाने लोग....
कहते हैं मुझसे- दिल का लगाना नहीं अच्छा..
खुद ही दिल को अक्सर तोडने वाले लोग॥
कहता हूँ मैं तो.."रहो मुझसे तुम परे"
नहीं चाहिए मुझे, इतने सयाने लोग...
खुद ही दिल को अक्सर तोडने वाले लोग॥
कहता हूँ मैं तो.."रहो मुझसे तुम परे"
नहीं चाहिए मुझे, इतने सयाने लोग...
महफ़िल - party
ReplyDeleteसयाने - Intelligent
बगले झाँकते - To look here and there
धधकाने - to ignite
परे - Stay away