मेरी धड़कन और मेरे मन का दौर-ए-इख्तिलाफ देखिये,
हम-नवां की यादो ने मुझे राही बना दिया॥
हम-नवां की यादो ने मुझे राही बना दिया॥
मुन्तजिर-ए-हामी-ए-सनम के इस लम्बे दौर में,
हमने ना कटते इस वक़्त को ही, अपना गुनाहगार मान लिया॥
हमने ना कटते इस वक़्त को ही, अपना गुनाहगार मान लिया॥
मेरे हर अफसाने में झलकता है साया-ए-हुस्न उनका,
रंग-ए-हिना को हमने अब खून-ए-जोश में है मिला लिया॥
रंग-ए-हिना को हमने अब खून-ए-जोश में है मिला लिया॥
तारीख-ए-कयामत था, और खुदा खुद आये कासिद बनकर,
पता चला की जुदाई-ए-सनम, मेरे नसीब में उसने लिख दिया॥
पता चला की जुदाई-ए-सनम, मेरे नसीब में उसने लिख दिया॥
मुद्दा-ए-मौत हो या ज़िन्दगी फिर सुरूर में आये,
हमने उनके तसव्वुर में, खुदी की हस्ती को भुला दिया॥
हमने उनके तसव्वुर में, खुदी की हस्ती को भुला दिया॥
उम्मीद-ए-बहार में है हम, जब वो होंगे जानिब हमारे,
हमने हर एक शमा को जलने को हाँ..... पर पिघलने को ना कह दिया...
हमने हर एक शमा को जलने को हाँ..... पर पिघलने को ना कह दिया...
haan pata hai office mai koi kaam nahi tho yee sab chal raha. Wase sare ke sare achha hai.
ReplyDeleteदौर-ए-इख्तिलाफ - time of fight
ReplyDeleteहम-नवां - One who is always with you
मुन्तजिर-ए-हामी-ए-सनम - in wait of yes from ur beloved
गुनाहगार - culprit
अफसाने - story
तारीख-ए-कयामत - day of disaster
कासिद - messenger
सुरूर - in memory
तसव्वुर - Thought
उम्मीद-ए-बहार - wait of good time
जानिब - face to face (in front)
शमा - Candle