Thursday, February 7, 2013

क्या, ऐसे खुश रह पाओगे?





हमारी शून्य जैसी और आपकी भागती-दौड़ती ज़िन्दगी,
हमारी इस तरह और आपकी उस तरह कट ही जायेगी!

कुछ पाकर... जिनके लिए पाया, उनको खोना,
क्या तेरी ताबीर तुझे ऐसे खुश रह पायेगी!

वक़्त-बेवक्त की शामते, पल-पल की परेशानियां,
क्या ये बैचैनियाँ तुझे तेरी मंजिल तक ले जा पायेंगी!

परेशान हो या बेफिक्र रह, ये सब तो तेरे हाथ में ही हैं,
जो होनी है,ना चाहने पर भी ... वो हो ही जाएगी!

1 comment:

  1. शून्य - Nil/Zero
    भागती - Running
    ताबीर - Destiny
    बेवक्त - Odd hours
    परेशानियां - Problems
    बेफिक्र - Worriless

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