Thursday, December 9, 2010

LOVE- कल vs आज

वो इज़हार-ए-इश्क के लिए एक दिन चाहते हैं,
हम इज़हार-ए-दिल के लिए एक इश्किया चाहते हैं!

वो चंद कागज़ के टुकडो पर हाल-ए-दिल बयान करते हैं,
हम हाल-ए-दिल... टुकडा-ए-दिल से ही बयान करते हैं!

चंद शायरों की पुरानो नगमो से वो इश्क पाना चाहते हैं,
हम नगमा-ए-इश्क की हर रोज़ एक नयी ग़ज़ल गाते हैं!

वो तोहफों में शीशे के दिल, खिलोने बना के पेश करते हैं,
हम शीशा-ए-दिल में उनकी तस्वीर कैद किये फिरते हैं!

वो घूमने जाते हैं, और सफ़र में निगाहे राहो में रखते हैं,
हम निगाह-ए-सनम होकर सफ़र-ए-ज़िन्दगी पूरा करते हैं!

वो ज़िन्दगी भर इश्क करने की कसमे खाते हैं, एलान करते हैं,
वो रुसवा ना हो जाए, इसीलिए हम तन्हाईयो में भी उन्हे "वो" कह के बुलाते हैं!

उनका इश्क हमे कुछ कुछ इश्क जैसा लगता हैं,
हम तो सदका-ए-सनम में इसे बस "ज़िन्दगी" कह देते हैं!

1 comment:

  1. इज़हार-ए-इश्क To express your Love
    टुकडा-ए-दिल Part of Heart
    नगमो Song
    तोहफों Gift
    शीशा-ए-दिल Mirror in Heart
    निगाह-ए-सनम Eyes of Beloved
    एलान Forecast
    रुसवा Dishonor
    सदका-ए-सनम In memory of beloved
    ज़िन्दगी LIFE.. :-)

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