जो देखा, वो लिखा...... यूँ ही अपना सफ़र चलता रहा!
सीखा जो सिखाया... मैं यूँ ही बस चलता रहा!
करने को तो, मैं भी रहगुज़र कर सकता था किसी एक कोने में,
पर मेरा सफ़र........
हर मोड़ पर, मुझे हर बार एक नया एहसास सिखाता रहा!
Sunday, August 14, 2011
ये जंग के हालात
वो जो मेरी गोली से मरा हैं..
वो हु-ब-हु..मुझ सा दिखता हैं..
उस के पास भी एक मुल्क और एक दिल था,
दोनों को लगाकर सीने से, वो मुझसे लड़ता था...!!
मैने उसे मारा, वरना वो मुझे मार देता,
वरना उसका कमान्डर उसका कोर्ट-मार्शल करवा देता..
वो भी एक मजबूर सिपाही था, मेरी तरह..
उसी मजबूरी में वो मुझे, शहीद का दर्जा दिलवा देता!!
उसके पर्स में भी..... उसकी बीवी की फोटो होगी..
मरने के बाद भी, ज़ेहन में.... बच्चो की चिंता होगी..
अपने माँ-बाप का वो भी लाडला बेटा ही होगा...
अब उन सब की आँखें, उसके लिए रोती होंगी..!!
जाने कब तक यूँ ही जंग चलती रहेगी..
कब तक मेरी या मेरे हमसाए की लाशें... गिरती रहेंगी.
कब अमन का कबूतर संगीनों पे चढकर बोलेगा.....
कब हमारी माएं..बहने... चूल्हे पर सांझी रोटियाँ सकेंगी...
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शहीद Martyr
ReplyDeleteज़ेहन Memory
लाडला Loving
हमसाए Ones who looks similar
अमन Peace
कबूतर Dove- The Bird
संगीनों Back part of Rifle( when there will be NO
war, all rifles will be inverted)
सांझी Common