Tuesday, December 15, 2009

तन्हाई का मज़ा



कौन कहता है तन्हाई सजा होती है..
आशिकों से पूछो, ये एक अलग मजा देती है
पूछे कोई उस मोम से उसके जलने का कारण,
क्यों धागे के साथ जलकर, वो सबको रौशनी देती है!!

जब दिल टूटता है, एक पल को दुनिया वीरान लगती है
हर शोर में उनकी आवाज़ और हर जगह उनकी आँखें दिखती है..
यही बातें तो आपको हमारी दुनिया में वापस ले आती है
ना हो कर भी सामने, आप हमेशा निगाहबान बनी रहती है.

पैमाना नहीं है हाथ में, फिर भी हम मदहोश इस कदर है
दुनिया है घूम रही, पर हम उस-से बेखबर है..
हम तो हर ख़ास-ओ-आम में बस उनका ही चेहरा देखते है
जो नहीं है उन जैसा, दिखाओ....... ऐसा कोई शख्स किधर है???

आप पहले थे मेरे सनम, अब खुदा हो गए,
मेरे लिए तो आप रूहानी हो गए!!
आपका जाना एक मज़बूरी था और आना आपकी इच्छा,
पर इस बीच में, आप मेरे लिए मेरी इबादत हो गए.

1 comment:

  1. तन्हाई - loneliness
    आशिकों - lover
    मोम - candle
    धागे - thread
    वीरान - destructed
    निगाहबान - One who care for you.
    पैमाना - glass of liquor
    मदहोश - unconsious
    ख़ास-ओ-आम - in every common thing
    शख्स - man
    रूहानी - from another world
    इबादत - prayer

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