
मैं बारिश में भीगता, गीली आँखों के साथ जलता हूँ
लोग हमेशा मुझसे मेरी मुस्कराहट का राज़ पूछते हैं..
घिसी हुयी खड़ी से, उसके कम होने का कारण कोई क्यों पूछे??
सभी काली दीवार पर, अच्छी लिखाई को सराहते हैं..
दर-ब-दर भटकते परवेश का ठिकाना कोई क्यों मालूम करे?
मिल जाए जो वो रहम-दिल, तो दुआ-ए-ज़िन्दगी सभी चाहते हैं...
एक ग़मगीन शायर की तन्हाई.. को रहती है साकी की तलाश,
पर नासमझ.. बेवफा की बेवफाई को एक हसीं अदा मानते हैं!!
खड़ी - Chalk pencil
ReplyDeleteपरवेश - Saint